tag:blogger.com,1999:blog-7425631154082837432.post6957900785713460112..comments2023-10-21T21:19:28.543+05:30Comments on शकुनाखर: जागो हिन्दू जागो - कट्टरपंथी बनोhem pandeyhttp://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-7425631154082837432.post-42166783860980657332010-11-29T12:53:44.614+05:302010-11-29T12:53:44.614+05:30ऩारी को एक तरप तो देवी कहा जाता है और दूसरी और उसस...ऩारी को एक तरप तो देवी कहा जाता है और दूसरी और उससे समाज में दुय्यम दर्जे के नागरिक सा व्यवहार होता हे । एससे तो अच्छा है कि उसे देवी नही इन्सान ही समझें और बराबरी से व्यवहार करें ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7425631154082837432.post-43968749834198979682010-11-08T14:42:31.348+05:302010-11-08T14:42:31.348+05:30आपकी बात से पूर्णतः सहमत हूँ ... अगर कट्टरवाद से स...आपकी बात से पूर्णतः सहमत हूँ ... अगर कट्टरवाद से समाज ठीक हो सके तो जरूर होना चाहिए .... आपको और पूरे परिवार को दीपावली की मंगल कामनाएं ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7425631154082837432.post-75908128488698893782010-11-06T21:23:43.047+05:302010-11-06T21:23:43.047+05:30हजारों वर्ष पहले ही कबीर , मनु व् तुलसी जैसे संत स...हजारों वर्ष पहले ही कबीर , मनु व् तुलसी जैसे संत स्त्री को मति हरने वाली कह गए हैं ....<br />कन्या पूजन के बाद भी स्त्री कितना सम्मान पा पाती है भला ....?हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7425631154082837432.post-48937199742748509122010-10-27T23:05:58.002+05:302010-10-27T23:05:58.002+05:30संसद में विधेयक पास होने भर की देर है। फिर कट्टरता...संसद में विधेयक पास होने भर की देर है। फिर कट्टरता पर अमल होते देर नहीं।शिक्षामित्रhttps://www.blogger.com/profile/15212660335550760085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7425631154082837432.post-91167455906109875072010-10-23T20:55:06.344+05:302010-10-23T20:55:06.344+05:30@ P S BHAKUNI जी, आपकी शंका का समाधान शंकर फुलारा ...@ P S BHAKUNI जी, आपकी शंका का समाधान शंकर फुलारा जी ने कर दिया है | आप महिलाओं की दुर्दशा की जो बात कर रहे हैं, वह ऋषि- मुनियों के काल के बहुत बाद की बात है | लेख नवरात्र के सन्दर्भ में लिखा गया है ,इस लिए हिन्दुओं को सम्बोधित किया गया है | हिन्दू नवरात्र में कन्या को पूजते हैं | अर्थात उसे पूज्य मानते हैं | इस लिए उसे श्रेष्ठ माना जाना चाहिए |<br />@ ali जी, चूंकि हिन्दू नवरात्र में कन्या को पूजते हैं | इस लिए हिन्दुओं द्वारा उसे पुरुष के समान नहीं ,पुरुष से श्रेष्ठ श्रेष्ठ माना जाना चाहिए |hempandeyhttp://www.shakunaakhar.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7425631154082837432.post-25263848363823533422010-10-21T17:39:34.153+05:302010-10-21T17:39:34.153+05:30"जागो हिन्दू जागो - कट्टरपंथी बनो" हिन्द..."जागो हिन्दू जागो - कट्टरपंथी बनो" हिन्दू समाज में ऋषि मुनियों द्वारा प्रतिपादित नारी की श्रेष्ठता का सम्मान नहीं किया जा रहा है |<br />काश ऐसी कट्टरता आ जाती | <br />@ भाकुनी जी मैं आपकी बातों से सहमत नहीं हूँ जिन माताओं का हम सम्मान करते हैं नवरात्र मनाते हैं उन्हें ही ले लीजिये जब उन्हें सम्मान दिया होगा तभी आज तक हम उन्हें भूले नहीं | उसके बाद पहले जितने महान हमारे ऋषि मुनि होते थे उतनी ही सम्मानित हमारी ऋषिकाएं होती थीं |<br />लोपामुद्रा,अपाला, घोषा,गार्गी,कात्यायनी, ब्रह्मवारी,गायत्री, सीता, सावित्री, दमयंती, तो कुछ वे नाम है जिन्हें थोडा बहुत हम जैसे सभी लोगों ने सुना है | जिनका अध्ययन अधिक होगा, वे, हो सकता है इससे आधिक जानते हों |tension pointhttps://www.blogger.com/profile/02092866969143339658noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7425631154082837432.post-3989993577738778412010-10-20T16:20:46.211+05:302010-10-20T16:20:46.211+05:30ना कोई श्रेष्ठ ना कोई हीन ! सब बराबर ! सबका सम्मा...ना कोई श्रेष्ठ ना कोई हीन ! सब बराबर ! सबका सम्मान समान !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7425631154082837432.post-56559292262052316782010-10-20T13:27:52.753+05:302010-10-20T13:27:52.753+05:30इतनी गंभीर पोस्ट पर टिपण्णी करना आसान काम नहीं है ...इतनी गंभीर पोस्ट पर टिपण्णी करना आसान काम नहीं है कम से कम मेरे जैसे low profile bloger के लिए, लेकिन पाण्डेय जी जहां तक मैं समझता हूँ ऋषियों- मुनियों के जमाने में हमारे समाज में महिलाओं कि दशा ठीक नहीं थी और उन्हें सम्मान और सुरक्षा कि आवश्यकता थी लेकिन अब हालात बदल रहे हैं आज कि महिला जानती है कि कैसे सम्मान और सुरक्षा हासिल किया जा सकता है , और यदि सम्मान कि ही आप बातें करते हो तो सिर्फ हिन्दू महिला ही क्यों ? अर्थात सिर्फ हिन्दू ही क्यों जागे ? सम्मान ही करना है तो क्यों न हम मानवता का सम्मान करें ?..........<br />इस बार पोस्ट का शीर्षक भी कुछ क्रन्तिकारी सा प्रतीत होता है ,<br />एक धीर-गंभीर पोस्ट हेतु आभार .पी.एस .भाकुनीhttps://www.blogger.com/profile/10948751292722131939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7425631154082837432.post-84359946510041082882010-10-20T12:43:44.789+05:302010-10-20T12:43:44.789+05:30बढ़िया लगा यह मुलायम कट्टरपंथ!बढ़िया लगा यह मुलायम कट्टरपंथ!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7425631154082837432.post-62995754384162667942010-10-20T10:21:58.902+05:302010-10-20T10:21:58.902+05:30बिलकुल सही बात सामने रखती पोस्ट .... प्रवीण जी ...बिलकुल सही बात सामने रखती पोस्ट .... प्रवीण जी की बात से भी सहमत हूँ.... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7425631154082837432.post-79759118734115641972010-10-20T09:23:33.181+05:302010-10-20T09:23:33.181+05:30अच्छी बातों के लिये कट्टरपन्थी बना जा सकता है, जैस...अच्छी बातों के लिये कट्टरपन्थी बना जा सकता है, जैसे अनुशासन।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com