कितना बेचैन था
मैं
मेरे बेटे
तेरे आने की प्रतीक्षा में.
तू आया
मगर मुर्दा.
मैं पहले रोया
औ़र फिर हँसा.
और तेरी माँ
नौ महीने की व्यर्थ साधना का फल पा कर
तड़फती रही
बिस्तर पर.
लेकिन मेरे बेटे
तेरी माँ
खुशनसीब है शायद
मेरी माँ की अपेक्षा.
क्योंकि मैं जिंदा हूँ
अब तक.