रविवार, 25 अप्रैल 2010

स्वप्न विश्लेषण

सपनों की अपनी अलग महिमा है। इस विषय पर काफी विस्तार से अनुराग शर्मा जी ने अपने ब्लॉग में लिखा है। फ्रायड ने सपनों को दमित काम वासना से जोड़ा है। डाक्टर एस. केपरियों ने अपनी पुस्तक में प्राय: देखे जाने वाले सपनों का विश्लेषण इस प्रकार किया है -

धन प्राप्त होने का स्वप्न - निर्धनता अथवा आर्थिक चिंता

रोमांस स्वप्न- प्रेम की तृष्णा

नीचे गिरने का स्वप्न - समाज द्वारा निषेध या किसी कामना के अपूर्ण होने का भय।

दिवंगत संबंधी से बातचीत- उसकी मृत्यु के तथ्य को न स्वीकार पाना अथवा दुनिया से ऊब कर मर जाने की इच्छा

लूट लिया जाना - आर्थिक संकट का भय

हिंस्र पशुओं का आक्रमण- यौन असमर्थता का भय

शव यात्रा - मृत्यु भय

यात्रा-स्वप्न - वास्तविकता से पलायन की इच्छा

लेट हो जाना, गाडी छूट जाना ( महिलाओं में ) - यौन असमर्थता

असफलता अथवा दिवालियापन (प्रौढ़ पुरुषों में ) - नपुंसक सिद्ध होने का भय

जीवित संबंधी अथवा मित्र की म्रत्यु- व्यक्ति की अपरोक्ष मृत्यु की कामना

सबके सामने नग्न या अर्धनग्न किया जाना - नैतिक प्रतिबंधों से स्वच्छंदता की कामना

धमकाया जाना या खतरे में पड़ जाना - दुर्भाग्य घटने का भय

चोरी करना - दमित अपराध वृत्ति

प्रेम पात्र को हानि पहुंचाना - सम्बंधित व्यक्ति से प्रतिशोध लेने की इच्छा

जेल जाना - संघर्ष

बुधवार, 21 अप्रैल 2010

आपकी नीद आपकी पोल खोल देती है.

जब व्यक्ति सो रहा होता है तो वह अपने व्यक्तित्व को उदघाटित कर रहा होता है.देखिये कैसे -

गोल हो कर सोना - डरपोक प्रकृति।

लिहाफ में मुंह ढँक कर सोना - जीवन के तथ्यों से डर कर उनका सामना न कर पाना, असुरक्षा की भावना।

बार- बार बेचैनी से करवट बदलना - मस्तिष्क में विरोधाभासी तत्वों का काम करना या कोई बड़ी समस्या
सामने होना।

पीठ के बल फ़ैल कर सोना - संतुष्ट जीवन, असुरक्षा की भावना का न होना।

पेट के बल सोना - जीवन के तथ्यों से मुंह चुराना।

करवट से सोना - व्यर्थ के पचड़ों में न पड़ना, रिस्क न लेना, सदा सतर्क रहना।

अब आप स्वयं ही अपने सोने की आदत से अपने स्वभाव का आकलन कर लीजिये।