जब व्यक्ति सो रहा होता है तो वह अपने व्यक्तित्व को उदघाटित कर रहा होता है.देखिये कैसे -
गोल हो कर सोना - डरपोक प्रकृति।
लिहाफ में मुंह ढँक कर सोना - जीवन के तथ्यों से डर कर उनका सामना न कर पाना, असुरक्षा की भावना।
बार- बार बेचैनी से करवट बदलना - मस्तिष्क में विरोधाभासी तत्वों का काम करना या कोई बड़ी समस्या
सामने होना।
पीठ के बल फ़ैल कर सोना - संतुष्ट जीवन, असुरक्षा की भावना का न होना।
पेट के बल सोना - जीवन के तथ्यों से मुंह चुराना।
करवट से सोना - व्यर्थ के पचड़ों में न पड़ना, रिस्क न लेना, सदा सतर्क रहना।
अब आप स्वयं ही अपने सोने की आदत से अपने स्वभाव का आकलन कर लीजिये।