इस पोस्ट को लिखने की प्रेरणा मुझे संगीतापुरी जी की भूकंप संबंधी भविष्यवाणी से मिली उनके द्वारा दी गयी समय सीमा के अन्दर हैती में भूकंप आ गया । यद्यपि घटना दुखद थी किन्तु आनेवाली घटना का पूर्व अनुमान लगा लेने के लिए संगीताजी साधुवाद की पात्र हैं। आने वाली घटनाओं का पूर्वानुमान लगा कर तदनुसार अपनी रणनीति तैयार की जा सकती है।
सोलहवीं सदीके भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियाँ तो प्रसिद्ध हैं ही। यदि किसी व्यक्ति द्वारा की गयी भविष्यवाणियाँ बार बार सच साबित हो रही हों तो उसे तुक्का या संयोग मान कर नजरंदाज नहीं किया जा सकता। हमें उस विधा की दाद देनी चाहिए जो सटीक पूर्वानुमान लगाने में सक्षम है।
१९ जून १९६९ के दैनिक हिन्दुस्तान में प्रसिद्ध ज्योतिषी नारायण दत्त श्रीमाली की भविष्यवाणियाँ छपी थीं:
- १९७२ के आम चुनावों में कांग्रेस विजयी होगी.
-१९६९ का उत्तरार्ध और १९७० का पूर्वार्ध अरब राष्ट्रों विशेषकर राष्ट्रपति नासिर के लिए संकटों और संघर्षों का रहेगा।
-श्रीमती जेक्वेलिन( पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति केनेडी की पूर्व पत्नी) और ओनासिस (उसके नए पति) का तलाक १० जून १९७३ से ८ अगस्त १९७४ के बीच हो जाएगा.
ये भविष्यवाणी सच साबित हुईं . लेकिन १९७५ तक भारत-पाक महासंघ बन जाने की भविष्यवाणी गलत निकली।
अब इसमें कितना तुक्का था और कितनी गणना , यह श्री श्रीमाली ही जानें।
समय समय पर और विशेष रूप से वर्ष के प्रारम्भ में ज्योतिषियों द्वारा अनेक भविष्यवाणीयाँ की जाती हैं जिनमें कुछ सच निकलती हैं और कुछ झूठ। जिनकी अधिकतर भविष्यवाणी सच निकले उनकी भविष्यवाणी को गंभीरता से लिया जाना चाहिए, चाहे वह तुक्का ही क्यों न हो।