यह कहना गलत होगा कि सरकार आम जन के लिए कुछ करती नहीं है। समय समय पर शासन द्वारा अनेक जनोपयोगी योजनायें तैयार की गयीं। आजकल समाचार चेनलों पर अन्त्योदय कार्यक्रम का नाम प्राय: सुनने में आ रहा है। अन्त्योदय योजना स्वर्गीय श्री भैरों सिंह शेखावतजी ने सर्वप्रथम राजस्थान में शुरू की थी, जिसका अनुसरण बाद में अनेक राज्यों ने किया। वह योजना कहाँ तक सफल हुई, मैं नहीं जानता। पहली अप्रेल से शिक्षा का अधिकार योजना शुरू की गयी है,इसका हश्र देखना बाकी है।
इसी तरह का एक अन्य अधिकार आम जनता को मिला है- सूचना का अधिकार। सूचना का अधिकार ( आर. टी. आइ. ) एक अच्छा साधन है शासन के कार्यों में पारदर्शिता लाने का। इसके माध्यम से शासकीय भ्रष्टाचार में कमी आनी चाहिए थी। लेकिन ऐसा होता दिखता नहीं। एक ओर समाचार मिल रहे हैं कि अधिकारी सूचना देने में अड़ंगा डालते हैं या टालमटोल करते हैं,वहीं कुछ लोगों ने इसे ब्लेकमेलिंग का जरिया बना लिया है। कुछ लोग , जो अपने को आर.टी.आइ कार्यकर्ता कहते हैं,शासकीय भ्रष्टाचार में अपना हिस्सा मांगने लगे हैं। हिस्सा न मिलने पर ये सूचना के अधिकार के तहत उनकी पोल खोलने की धमकी देते हैं। घाघ अधिकारी जानते हैं कि पोल खुलने से भी किसी का कुछ बिगड़ने वाला नहीं, फिर भी ऐसे लोगों का मुंह बंद करना अच्छा है,यह सोचते हुए सामने वाले की औकात का अनुमान लगा कर टुकडा डाल देते हैं।
क्या सूचना के अधिकार की यही उपयोगिता है ?
इस आलेख की ही कड़ी है यह लेख.
जवाब देंहटाएंRTI की असफलता के कारण:)
अच्छा और सुसंगत लेख ... यही तो विडम्बना है कि हमारे देश में नियम तो बनते हैं पर उनका पालन नहीं होता है ...
जवाब देंहटाएंब्लॉग पर आने के लिए शुक्रिया ...
वाह RTI का भी दोहन! जय भारतवर्ष! :)
जवाब देंहटाएंआप से सहमत है जी
जवाब देंहटाएंहकीकत की तहें खोलता है आपका ये लेख ..और आपका आभार.."
जवाब देंहटाएंबंधु इसे Morphic Resonance कहते हैं :-)
जवाब देंहटाएंदरअसल जमीर का जिन्दा होना ही इन्सान की निशानी है / अगर जमीर मर जाय तो कोई भी इन्सान चाहे वह प्रधानमंत्री की कुर्सी पर क्यों न बैठ जाय ,वह देश और समाज को नरक में ही धकेलेगा / रही RTI कार्यकर्ताओं की बात तो अच्छे बुरे लोग हर जगह हैं ,और भ्रष्ट लोगों द्वारा RTI को बदनाम करने की जबरदस्त साजिश भी चल रही है /
जवाब देंहटाएंआरटीआई को और पैना किया जाना चाहिये...
जवाब देंहटाएंजब तक जनहित की भावना न हो, केवल कानूनों के ढेर लगाने भर से कुछ नहीं हो सकता है.
जवाब देंहटाएंअक्षय तृतीया की शुभकामनाएं!
super nice.
जवाब देंहटाएंरोजगार चाहिए ? आर. टी. आइ कार्यकर्ता बनें ........सुचना का अधिकार (R.T.I.) का दुरूपयोग भी खूब हो रहा है, , शानदार प्रस्तुति हेतु आभार ........
जवाब देंहटाएंmai bhi ...@honesty project democracy" ji ki baat se poorn sahmat hun
जवाब देंहटाएंek accha lekh
"honesty project democracy ने कहा…
दरअसल जमीर का जिन्दा होना ही इन्सान की निशानी है / अगर जमीर मर जाय तो कोई भी इन्सान चाहे वह प्रधानमंत्री की कुर्सी पर क्यों न बैठ जाय ,वह देश और समाज को नरक में ही धकेलेगा /
bahut achchi prastuti hai aapki........
जवाब देंहटाएंhum hamseha system ko blame karte hai jab ki system bhi hum aam logo ke beech se nikale logo se hi bna hai!
जवाब देंहटाएंये दुर्भाग्य है की हम हर अच्छी चीज़ में ये ढूँढते है ...... की उसका दुरुप्योग कैसे कर सकते हैं ... इस बात का कोई न कोई प्रावधान होना चाहिए ऐसे क़ानूनों में ...
जवाब देंहटाएंहम कुछ मामलों में बहुत तेज़ हैं. पैसे किस तरह बनाए जा सकते हैं, यह हम भारतीयों को बहुत अच्छी तरह ज्ञात है.
जवाब देंहटाएंफिर जो देश आकंठ भ्रष्टाचार में डूबा हो वहां अगर सूचना क़ानून भी पैसा कमाने का साधन बन गया हो तो आश्चर्य कैसा!
आपने लिखा बहुत अच्छा और हमें नई पीढ़ी से ही आशा है कि इस देश की दशा और दिशा का सुधार उसी के हाथों सम्भव है. आपका लेख भी इसी परम्परा की एक कड़ी है.
बहुत सुन्दर आलेख जो प्रशंग्सनीय है! उम्दा प्रस्तुती!
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