गुरुवार, 27 मई 2010

मंगल नाथ और दही भात

दही - भात के लेप से श्रृंगारित मंगलनाथ



मैं ज्योतिष का ज्ञाता नहीं हूँ लेकिन इतना जानता हूँ कि भारतीय ज्योतिष में 'मंगल' को क्रूर ग्रह माना जाता है। मैं नहीं जानता कि जिसका नाम मंगल है वह अमंगल कैसे कर सकता है ? लेकिन ज्योतिष विज्ञान के अनुसार कुण्डली के बारह भावों में से पांच (१,४,७,८और १२) में मंगल का वास अशुभ है।संभावना के सिद्धांत (Theory of Probability) के अनुसार गणित के ज्ञाता बता सकते हैं कि मंगल के अनिष्टकारी होने की क्या संभावना बनती है ।

मंगली लड़के या लडकी की शादी होने में भी मंगल का भय अड़चन डालता है। इसके अतिरिक्त परिवार से मतभेद, आर्थिक हानि, नौकरी या व्यवसाय का स्थिर न रह पाना आदि भी मंगल-दोष के अंतर्गत बताये जाते हैं। इन्हीं दोषों के निराकरण के लिये लोग महाकाल की नगरी उज्जैन जाते हैं। उज्जैन स्थित मंगल नाथ का मंदिर मंगल दोष निवारण का स्थल है। वहाँ पुजारी दही- भात के लेप से मंगल की शान्ति करते हैं।दही भात से क्या मंगल की उग्रता कम हो जाती है ? पता नहीं। इसे आप अपने विवेकानुसार आस्था या अंधविश्वास कह सकते हैं.

6 टिप्‍पणियां:

  1. Many times I have been to Ujjain , particularly to The Mahakaal and have seen Mangal Mahadeo there.The local people and guides say so.The Fact may be known only to God or victims of Mangal.

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  2. अंधविश्वास और आस्था के बीच थोड़ा सा फर्क है... आस्था अच्छी चीज है लेकिन अंधविश्वास उतनी ही गलत.

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  3. अन्धविश्वास बहुत ही गलत बात है पर हमारे देश में ऐसे कई जगह हैं जहाँ लोग इन सब बातों पर विश्वास करते हैं! ज्योतिषी में मुझे ज़्यादा विश्वास नहीं है!

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  4. मंगल ग्रह और उनके पूजा संबंधित बढ़िया जानकारी....बढ़िया प्रस्तुति हेम जी धन्यवाद

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  5. जिसका नाम मंगल है वह अमंगल कैसे कर सकता है?
    वाकई अनोखी बात है.

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