बुधवार, 25 अगस्त 2010

बदलते रिश्ते

दूसरे शहर में रहने  वाली अपनी विवाहिता बेटी से फोन पर बात हुई | वह उस समय शौपिंग कर रही थी | उसके ससुर  उसे राखी के त्यौहार पर कपड़े दिलाने लाये थे | उसके ससुराल में उसकी जन्म तिथि पर हिन्दू पद्धति से और जन्म दिन  पर केक काट कर   उत्सव  मनाया जाता है | जब फोन पर मैं अपने समधी जी से बात कर रहा होता हूँ और अपनी  बेटी के लिये  'आपकी बहू ' शब्द  प्रयोग  कर  देता  हूँ तो वे नाराज हो जाते हैं | उनका मानना है कि वह उनकी बेटी है | उन सास बहू या ससुर बहू को जब बिलकुल अनौपचारिक तरीके से हंसी मजाक करते  देखता हूँ तो अचंभित होता हूँ  और बेटी के सास ससुर  की अनुपस्थिति में बेटी को समझाने का यत्न करता हूँ - आखिर वे तुम्हारे सास ससुर हैं, उनसे एक सम्मानजनक दूरी से बात करनी चाहिए | वे खुद ही यह दूरी नहीं बनाने  देते -बेटी का उत्तर होता है | मैं निरुत्तर हो जाता हूँ |

 उसकी शादी के ठीक पहले हम दोनों माता  पिता ने उसे सीख देनी शुरू कर दी थी- 'अब ससुराल जाने वाली हो , यह  अल्हड़पन छोड़ो | सास ससुर के सामने उठने बैठने  और बातें करने का कायदा सीखो | सास ससुर माता पिता जैसे नहीं होते |' कुछ महीने ससुराल में रहने के बाद जब वह पहली बार हमारे पास आयी तो बोली- 'ससुराल में मुझे कुछ अटपटा नहीं लगता | मेरी ननद  मेरी बहुत अच्छी मित्र बन गयी है | सास ससुर का व्यवहार भी आप जैसा ही है | वे भी कभी कभी मुझे आप ही की तरह डाँट देते हैं और मैं आप की ही डाँट समझ कर चुप हो जाती हूँ | 

मैं सोचता हूँ - यह जो वास्तविक जीवन में देख रहा हूँ उसे सच मानूं या टी वी में आ रहे सास बहू  सीरियलों को?

21 टिप्‍पणियां:

  1. जो आँखों के सामने है वह सत्य है उसे किसी प्रमाण की आवश्यकता नहीं है अच्छा संस्मरण , बधाई

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  2. बहुत अच्छा लगा जान सुन कर...होना ऐसा ही चाहिये.

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  3. यथार्थ लेखन।

    *** भारतीय एकता के लक्ष्य का साधन हिंदी भाषा का प्रचार है!

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  4. आजकल मैं अपने मैनेजर पुत्र के लिए पत्नी ढूंढ रहा हूँ ! होने वाली बहू के बारे में मेरी अपेक्षा जानने का प्रयत्न करते लड़की के माँबाप भरोसा नहीं करते जब मैं कहता हूँ कि ऐसी लडकी ढून्ढ रहा हूँ जो मेरी डांट खा सके और मुझे डांटने की हिम्मत रखती हो !
    और मुझे ऐसी लडकी अवश्य मिलेगी क्योंकि मैं इस योग्य हूँ कि उसकी डांट खा सकूं ...
    :-)
    शुभकामनायें !

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  5. प्रेरणा देने वाला संस्मरण है!
    --
    बहुत-बहुत बधाई!

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  6. jo vaastavik jeevan me dikh rahaa hai vahi satya hai....preranaadaayi sansamaran.

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  7. aap ne shi frmaayaa aaj kl aesa hi ho rhaa he or in rishton men mithaas ho mdhurtaa ho apnaapn ho bs khuda se yhi duaa he meri . akhtar khan akela kota rajsthan

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  8. अजी वास्तविका ही सच है , यह टी वी पर जो आ रहा है यह तो कुछ बेकार ओर खराब लोगो के दिमाग की गंदगी है, जो उन्होने बचपन मे अपने घरो मे, अपने आस पास देखी ओर फ़िर उन्हे मोका मिला तो हम सब को परोस रहे है, आप ने तो बहुत अच्छॆ ससंकारो की बात की , सभी यही चाहते है कि उन का बच्चा जहां भी रहे खुश रहे, बहुत सुंदर बात कही आप ने अपने इस छोटे से लेख मै धन्यवाद

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  9. रिश्ते प्रेम और विश्वास से बनते हैं ... दोनो पक्षों को समझना पड़ता है .... आप बहुत किस्मत वाले हैं ... बेटी सुखी हो तो आधा जीवन सुखी हो जाता है ....

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  10. bahut hee khushii huyii ye jaankar...yadee yahee bhav raha dono taraf se to jeewan kitna shukhdaayi ho jaye ..

    man prasann ho gaya ye padhkar...

    nahii to vahee dosharopan ek dusre par,rishton kee paribhasha hee badal dete hain..

    saadar

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  11. भगवान सबको ऐसा ससुराल दे। मायका भी।

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  12. मायके की नसीहतों व ससुराल की वास्तविकताओं में बहुत अन्तर है।

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  13. मेरा मानना है की जाकी रही भावना जैसी उसे मिली ये दुनिया वैसी. आप अच्छे है तो आपको अच्छे लोग मिलेंगें और अगर आप बुरे लोगों से बार बार टकराते हैं तो आपने चाल चलन को परख लीजिये. कहीं ना कहीं आपमे कोई कमी जरुर होगी. पाण्डेय जी आप ईश्वर का धन्यवाद कीजिये की बिटिया को अच्छा ससुराल मिला है.

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  14. अखबारों में आए दिन छपने वाली ख़बरों के बीच एक सुखद प्रकरण। आगे के लिए भी शुभकामनाएँ।

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  15. सास ससुर तो बदल रहे हैं। पर बेटियां और बेटे भी बदल रहे हैं। मुश्किल ये है कि दोनो एक साथ बदलते हुए सामंजस्य बैठाना की कला को भुलते जा रहे हैं। जहां अहं हो. वहां तो मुश्किल आएगी ही। आपकी बेटी ने उनकी डांट को आपकी डांट समझा ये आपका दिया संस्कार है, वरना वो ये भी सोच सकती थी कि बहु को दबा के रखना चाहते हैं सास ससुर। ये आपके दिए संस्कार और बेटी का निश्छल दिल है जो उस डांट में आपकी छवि देखी।

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  16. प्रेरणा देती हुई बहुत सुन्दर लेख! बहुत बढ़िया लगा! उम्दा प्रस्तुती!

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  17. .
    In TV serials , they unnecessarily exaggerate. mothers and daughter in laws live peacefully like friends.

    Ekta kapoor type directors thrive on such stupid serials.
    .

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  18. यह तो और भी अच्छी बात है कि उसे ससुराल में माता पिता जैसे सास ससुर मिले हैं , उन्हें दूरी के लिए नहीं और नजदीकी प्रगाढ़ता के लिए प्रेरित कीजिये

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  19. आदर्श ससुराल मिली है आपकी बेटी को । आप उसकी और से निश्चिन्त रह सकते हैं ।

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  20. आप वास्तविक संसार में ही रहे सीरियल का असली जिन्दगी से कोई लेना देना नहीं |जिस तरह आप लडकियों के पिता है मै दो बेटो की माँ और साँस भी हूँ |और हमारे बीच हर विषय पर स्वस्थ चर्चा होती है जिससे हम छोटी छोटी बातो का हल निकाल लेते है पिछले १३ साल से |

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