मोबाइल कंपनियों के
लूट और डकैती
के किस्से मैं पहले भी बता चुका हूँ|आज एक और किस्सा केवल इस लिये सुन लीजिये ताकि आप इस लूट से अपने आप को बचा सकें-
मेरे मोबाइल पर कुछ दिनों से बाइबिल के उपदेश बार बार आ रहे थे|मैंने सोचा शायद कोई धार्मिक संस्था अपने प्रचार के लिये ऐसा कर रही है|सहसा एक दिन एक मेसेज आया-आपका बाइबिल मेसेज अलर्ट रीन्यू कर दिया गया है और आपके खाते से तीस रुपये की कटौती की गयी है|जब मैंने कंपनी के कॉल सेंटर से संपर्क साधा कि बिना मेरी सहमति के यह एलर्ट चालू और
रीन्यू
कैसे हो गया ? तो बताया गया कि अलर्ट चालू तो आपने ही किया है( हो सकता है आपसे गलती से ओ के का बटन दब गया हो ) और एक बार चालू होने पर अपने आप
रीन्यू
हो जाता है|मैंने अपनी गलती मानते हुए इस सुविधा को तुरंत डीएक्टिवेट करने का आदेश दे दिया और आग्रह किया कि चूंकि रीन्यू मेरी मर्जी के बिना अभी अभी हुआ है और मैं इस सुविधा का उपयोग नहीं करूंगा, इस लिये पैसे मेरे खाते में रीफंड किये जाएँ|सुविधा तो
डीएक्टिवेट हो गयी लेकिन पैसे रीफंड के लिये साफ़ मना कर दिया गया|अर्थात मेरी जेब में हाथ डाल कर उन्होंने सुविधा देने के लिये जो पैसे
अभी अभी
निकाल लिये थे वे उसे,मेरे द्वारा सुविधा न लेने पर भी वापस नहीं करेंगे | एक और बात ध्यान देने योग्य है, इस तरह का छल केवल उन्हीं ग्राहकों से किया जाता है जिनके पास पर्याप्त बेलेंस होता है|यदि बेलेंस निर्धारित राशि से कम होगा तो ऐसी वारदात नहीं होगी | इस घटना के कुछ दिनों बाद मेरे पास फिर एक मेसेज आया - मूवी अलर्ट चालू करवाने के लिये धन्यवाद,आपके खाते से तीस रुपये काट लिये गए हैं
(मूवी अलर्ट सेवा क्या होती है और कैसे एक्टिवेट होती है,मुझे नहीं मालूम और न मैंने कभी यह सुविधा अपने फोन पर चाही)
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मैंने फिर तुरंत कंपनी के कॉल सेंटर सम्पर्क साधा |फिर वही उत्तर मिला - सुविधा
डीएक्टिवेट कर दी जायेगी,लेकिन पैसे रीफंड नहीं होंगे|अंततः तंग आ कर मुझे सारे प्रोमोशनल कॉल और मेसेज बंद करवाने पड़े|बाद में मैंने ध्यान दिया कि मेरे फोन पर अनेक बार बिना किसी रिंगटोन के मेसेज आते हैं और ऊपर लिखा होता है- सूचना | फिर नीचे सम्बंधित सूचना होती है और केवल एक ऑप्शन होता है- ओ. के.यदि यह बटन गलती से दब गया तो पैसे कट कर सुविधा चालू हो जायेगी|लेकिन जब हम तुरंत ही इस गलती की ओर सुविधा शुरू होने से पहले ही कंपनी का ध्यान दिला देते हैं तो कंपनी द्वारा पैसे काट लिये जाना उनकी दादागिरी नहीं तो और क्या है ?
मेरे कुछ परिचितों ने भी ऐसे ही तथ्यों से मुझे अवगत कराया, जिसमें उनकी सहमति के बिना कोई सुविधा चालू कर के पैसे काट लिये गए और शिकायत करने पर पैसे लौटाने से साफ़ मना कर दिया गया|उन्हें भी यही उत्तर मिला कि आपके द्वारा अनजाने में सुविधा चालू कर दी गयी होगी| मुझे इन बेईमानों की बात पर विश्वास नहीं| हो सकता है ग्राहक द्वारा गलती से भी सुविधा चालू न करवाने पर भी ये अपनी मर्जी से सुविधा चालू कर के पैसे लूट लेते हों|
This is daylight robbery.
जवाब देंहटाएंऐसा ही एक मैसेज तो मेरे मोबाइल में भी आया है.
जवाब देंहटाएंThank you for subscribing DEV pack. You been charged Rs.8/-per week.
मै हाथ पर हाथ धरे बैठा हूँ.
यह तो गज़ब की गुंडागर्दी है. आपराधिक मामला बनता है.
आप ने अच्छा ध्यान दिलाया. कॉल सेंटर से बात करना पड़ेगा.
धन्यवाद.
यह हाल हर तरफ है... अनुराग भाई ने सही संज्ञा दी: daylight robbery
जवाब देंहटाएंशिकायत करने के लिए उपभोक्ता मंच बने हुए हैं और अच्छा कार्य कर रहे हैं ...हमें ऐसे उदाहरणों की शिकायत करनी चाहिए !
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंराजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
मेरे साथ भी एसा हुआ है एयरटेल के नए मोबाइल पर ४८ रुपये का रिचार्ज कराया दो दिन बाद २१ रूपये रह गएबैलेंस जाँच ने से पता लगा बाबा रामदेव के पैक के रूपये काट लिए गए हैं - अजीब गुंडागर्दी है - कोई सुनता भी नहीं वास्तव में डकेती है जी
जवाब देंहटाएंबड़ी गलत बात है।
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने आज सब लूटने में पड़े हुए हैं..अगर हमें सुविधा नही चाहिए तो निश्चित रूप से उसके लिए किसी भी प्रकार का भुगतान उचित नही...ऐसी चर्चा मोबाइल कंपनी में करना ज़रूरी है...
जवाब देंहटाएंjnaab is lut men srkaar puri trh se shaamil he vrnaa trai ke jo niy hen uske tht to aesi mobil kmpniyon ke laaisens nirst ho jaanaa haahiye. akhtar khan akela kota rajstha
जवाब देंहटाएंsirf mobile co. hi nahi apitu yahan to hr saakh pe ullu baith hai...filhaaal mera ek mobile pichley 20 dino se ded pada hai jbki sabhi dues clear hain...font size badha den to padhna assan ho jayega.....abhaar
जवाब देंहटाएं@ P S Bhakuni
जवाब देंहटाएंआपके सुझाव पर फॉण्ट साइज बढ़ा दिया है.
abhi abhi aapkepost par tippni daal kar hati hi thi ki punah dusari post dikhai padi. main aapke vicharo se purntaya sahmat hun.
जवाब देंहटाएंpoonam
अब ये इतनी सस्ती काल रेट पर सुविधाएं देंगी तो चोरी-चकारी तो इन्हें करनी ही पड़ेगी न. ये भी हो सकता है कि ये कल को ट्रराई से कोई आदेश भी ले आएं कि चोरी-डकैती इनके लाइसेंसों की शर्तों में तो शुरू से ही शामिल रहा है.
जवाब देंहटाएंloot-paat chal rahaa hai. kyaa kahen..har shaakh pe ullu baithaa hai.
जवाब देंहटाएंhmm..bade pate ki baat hai :)
जवाब देंहटाएंअफ़सोस की बात तो ये है की इस पर कोई कार्यवाही नही हो रही .... विदेशों में इस बाबत कई नियम हैं जो अपने देश में बनाने की ज़रूरत है ...
जवाब देंहटाएंशिकायत करनी होगी ,सुधारने के लिये ।
जवाब देंहटाएंहमारा अनुभव भी यही कहता है।
जवाब देंहटाएंअच्छा ...जी .....तब तो संतुष्टि हुई .....मैं तो समझ रही थी यह लूट सिर्फ गुवाहाटी में ही है......
जवाब देंहटाएंयहाँ मेरे मोबाइल का भी यही हाल है ......किसी ने सलाह दी है बीएसएनएल का ले लूँ ......
ऐसे अनुभव लगभग हर मोबाईल प्रयोगकर्ता को होंगे, हम लोग सोचते हैं कि बीस तीस रुपये के लिये कौन माथा खपाये, लेकिन यह गलत है।
जवाब देंहटाएंआप अकले नहीं, हम सभी के साथ यह डकैती हो चुकी है.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिखा है आपने ! जो हाल है हर तरफ मेरा अनुभव भी यही कहता है! उम्दा प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंएक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंआपकी चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं!
आपने बिल्कुल सही कहा जितने भी प्रायवेट आपरेटर हैं जैसे कि टाटा, एयरटेल, आइडिया इत्यादि इन सब पर यह समस्याएं ज्यादा आती हैं, इनकी शिकायत तो करनी ही चाहिए ।
जवाब देंहटाएंsaavdhan karne ke liye dhanyvaad .
जवाब देंहटाएंकमेंट्स देखकर पीड़ितों कि संख्या का अंदाजा होता है. अच्छा है कि मैंने मोबाइल का सरकारी कनेक्शन लिया हुआ है. ऐसी कोई समस्या नहीं है.
जवाब देंहटाएंसोलह आने सच.. हरकीरत जी जो कह रही हैं की बी एस एन एल ले लें तो वो कोई कम चोर नहीं हैं वहां तो काल लगने के पहले ही टाइम १० से १२ सेकेण्ड हो जाता है और काल ड्रॉप तो मत पूंछो
जवाब देंहटाएंआपने बहुत उपयुक्त जानकारी दी है धन्यवाद!...राजभाषा हिन्दी के लिए आपका योगदान प्रशंसनीय है!
जवाब देंहटाएंमोबाइल ग्राहक हमेशा रिसीविंग एंड पर ही रहता है। आप कुछ भी कर लीजिए,ये नए-नए तिकड़म लगाते रहते हैं। आप देख ही रहे हैं कि अब विज्ञापन से ग्राहक को पैसे कमाने का प्रलोभन दिया जा रहा है। मुश्किल यह है कि अब प्राइवेट ऑपरेटरों से बात करना भी निःशुल्क नही रह गया है।
जवाब देंहटाएंएक बार आप उपभोक्ता अदालत चलें जाएं। उसके बाद आप जितनी मर्जी कंपनी बदल लें आपके साथ ये दादागिरी नहीं होगी। अमूमन ये ऐसे ग्राहक के बारे में जानकारी साझा करते हैं।
जवाब देंहटाएंजागरूकता पैदा करता एक अच्छा लेख जो भविष्य में भी लोगों के काम आएगा !
जवाब देंहटाएंसादर
मैं तो इतना परेशान हो गया हूँ की recharge करवाना ही बंद कर दिया है| बेईमानी का एक तरीका और है की ये आपको कॉल करते हैं और अगर आपने कल रिसीव कर ली तो पैसे काट देते है और जब पूछो तो कहेंगे की आपने ही तो सर्विस शुरू करने के लिए कहा था मेरे तो एक माह में २०० - ३०० रूपये तक काट दिए इन बेईमानो ने|
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